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कैसे कह दू मैं दिल की बातें,
यूँ ही नही होती ऐसी मुलाकाते,
दूर हो के तुम न इतना सताते,
अपने दिल को गर समझ पाते
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पास हो के भी दूर हो,
जाने क्यों तुम मजबूर हो,
जो नज़र आता है तेरी आंखों में,
जुबान पे लाने से क्यों दूर हो.
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:) :) :)
1 comment:
i specially likd the second one..it touchd my heart
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