Wednesday, November 01, 2006

यादों को बह जाने दो!

यादें तो आती है,
यादों को जाने दो,
यादों को तुम रोको नही,
यादों पे तुम रुको नही,
यादों को बह जाने दो.

कल साथ तेरा मिल गया था,
कल बाते हुई थी कुछ प्यार की,
कल चाँद खिला था मेरे खवाबो में,
कल रेशम सा एहसास मिला था.

कैसी अनमोल थी वो दोस्ती,
जाने कितने मस्ती के लम्हे मिले थे,
हँसाया था यारों ने, रुलाया था यारो ने,
जाने क्या से क्या मुझे बनाया था यारो ने.

रुक गया गर यादों पे,
तो पलकें तेरी भीग जाएँगी,
मिले है जो पल आज,
वो ऐसे ही बीत जायेंगे,

हाथ दोस्ती के जो बढे है,
यादों के साये में ओझल हो जायेंगे,
गर खोया रहा दिल, यादों में,
प्यार के एहसास उसे छो नही पाएंगे.

यादों को तुम रोको नही,
यादों पे तुम रुको नही,
यादों को बह जाने दो.