Thursday, August 23, 2007

वो

वो हसी-हसी, वो खिली-खिली,
बोलती है पर, कुछ चुप-चुप भी.

वो ज़हाँ जाए, मच जाए हुडदंग,
वो ऐसे चली जैसे कोई पतंग,
उसकी उमंग, जैसे जलतरंग,
जब वो हो संग, बाजे मृदंग,
हर साँस में, उसकी सुगंध,
आने से उसके, जीवन में रंग.

Friday, August 17, 2007

तेरे सपने

Ham sab log sapne dekhte hai, unme se kai poore hote hai aur kuch toot bhi jate hai. This poem is dedicated to all those who dare to dream big :)
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तेरे सपने पूरे होंगे,
तू हार नही मान,
तू थक के नही बैठ,
जब लिया है कुछ ठान.

तू देख उस शिशु को,
जो सीख रहा है चलना,
चलने के लिए हर किसीको,
पड़ता है कई बार गिरना.

मत हो उदास कि,
सपने टँट गए तेरे,
ऐसा कौन हुआ इस जग में,
जिसने देखे नही झमेले.

किसी का सपना प्यार है,
सपनो से जीवन गुलज़ार है,
जो देखें नही सपने तो,
ये ज़िन्दगी बेजार है.

खुशी तो बाँटी है तुमने,
गम बाँट के भी देखले,
जो सपने है तेरे अधूरे,
मिल के करेंगे पूरे :)

Friday, August 10, 2007

जन्म-दिन,

This poem is dedicated to sneha, my sweet didi. Wish her all the best things in life on her birthday :). Keep smiling!
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वो हँसती रही है, हँसाती रही
हर मुस्कान में गम छुपाती रही,
वो डगमगाती रही, लडखडाती रही,
फ़िर भी चलने से वो घबडाती नही.

स्नेह से भर के वो सबका मन,
हर किसीको अपना बनाती रही,
जो जाने नही प्यार का मतलब,
उनपे भी वो प्यार लुटाती रही.

आँखें हंसती रही, आँखें रोती रही,
आँखें बोलती रही, आँखें डरती रही :),
जुबान से कह न पाए जो सब,
अनजाने में ही आँखें वो बताती रही.

मुबारक हो ये जन्म-दिन,
दुनिया आपकी जगमगाती रहे,
खुशी बाटें, और खुश रहे,
आज बस मेरी ये दुआ रहे.