Friday, August 17, 2007

तेरे सपने

Ham sab log sapne dekhte hai, unme se kai poore hote hai aur kuch toot bhi jate hai. This poem is dedicated to all those who dare to dream big :)
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तेरे सपने पूरे होंगे,
तू हार नही मान,
तू थक के नही बैठ,
जब लिया है कुछ ठान.

तू देख उस शिशु को,
जो सीख रहा है चलना,
चलने के लिए हर किसीको,
पड़ता है कई बार गिरना.

मत हो उदास कि,
सपने टँट गए तेरे,
ऐसा कौन हुआ इस जग में,
जिसने देखे नही झमेले.

किसी का सपना प्यार है,
सपनो से जीवन गुलज़ार है,
जो देखें नही सपने तो,
ये ज़िन्दगी बेजार है.

खुशी तो बाँटी है तुमने,
गम बाँट के भी देखले,
जो सपने है तेरे अधूरे,
मिल के करेंगे पूरे :)

1 comment:

sleepy_frog said...
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