Sunday, May 25, 2008

ख्वाइश

तेरी राहों पे फूल बिछाने की ख्वाइश है,
तुझे सताने और फ़िर मानाने की ख्वाइश है,
तेरे आंसुओं को चुराने की ख्वाइश है,
तेरी हर ख्वाइश को अपना बनाने की ख्वाइश है.

Tuesday, May 06, 2008

ख़ुद

ख़ुद ही तू तेरा खुदा रे बन्दे,
क्यों न समझे बात ये,
ख़ुद में पाप, ख़ुद में पुण्य,
ख़ुद में ही ये संसार रे.

ख़ुद को जब ढूंढ न पाए,
तो छाने किसकी खाक रे,
ख़ुद से बातें कर ले पहले,
बाकी सब कर बाद में.

साथी राह में बिछड़ जायेंगे,
ख़ुद ही तू तेरे साथ रे,
ख़ुद को जो पहचान ले बन्दे,
खुदा का तुझपे हाथ रे.