Friday, August 10, 2007

जन्म-दिन,

This poem is dedicated to sneha, my sweet didi. Wish her all the best things in life on her birthday :). Keep smiling!
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वो हँसती रही है, हँसाती रही
हर मुस्कान में गम छुपाती रही,
वो डगमगाती रही, लडखडाती रही,
फ़िर भी चलने से वो घबडाती नही.

स्नेह से भर के वो सबका मन,
हर किसीको अपना बनाती रही,
जो जाने नही प्यार का मतलब,
उनपे भी वो प्यार लुटाती रही.

आँखें हंसती रही, आँखें रोती रही,
आँखें बोलती रही, आँखें डरती रही :),
जुबान से कह न पाए जो सब,
अनजाने में ही आँखें वो बताती रही.

मुबारक हो ये जन्म-दिन,
दुनिया आपकी जगमगाती रहे,
खुशी बाटें, और खुश रहे,
आज बस मेरी ये दुआ रहे.






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